नागौर जिले के डीडवाना राज्य के राजा नरदेव सिंह चौहान द्वारा वि.स. 719 में सवाई माधोपुर जिले के बूंली गांव में जैन धर्म अंगीकार करने पर बूंलिया/बोलिया/बोल्या वंष प्रारम्भ हुआ ।
मेवाड शासन में बोलिया वंश के महत्वपूर्ण योगदान बाबत शोध पत्र प्रकाशन पर इतिहासकार श्री गोविंद लाल जी मेंनारिया का अभिनंदन बोल्या बूंलिया विकास संस्था का सपरिवार होली मिलन समारोह साहू भवन, भुवाणा में धूम धाम से आयोजित किया गया. प्रारम्भ में नवकार मंत्र-जाप के बाद अध्यक्ष इंजी. येवंती कुमार बोलिया ने सबका स्वागत करते हुए अत्यंत हर्ष के साथ बताया कि प्रसिद्ध इतिहासकार श्री गोविंद लाल जी मेनारिया, जिन्होने ‘ मेवाड शासन में बोलिया वंश के महत्वपूर्ण योगदान पर शोध पत्र प्रकाशित किया है, वे आज हमारे बीच में पधारे हैं. सचिव श्री चंद्र सिंह बोल्या ने संस्था की विविध सेवा-कार्यों युक्त गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया. कोषाध्यक्ष श्री सुरेश बोल्या ने वित्तीय विवरण प्रस्तुत किया व कई कार्यक्रम सम्पन्न हुए. इसके बाद संस्था की ओर से विद्वान इतिहासकार श्री गोविंद लाल जी मेनारिया का सचिव श्री चंद्र सिंह जी ने तिलक लगा कर,अध्यक्ष इंजी येवंती कुमार ने पाग पहना कर,उपाध्यक्ष श्री गम्भीर सिंह जी व श्री संजय जी ने शाल, कोषाध्यक्ष श्री सुरेश जी ने माला व अंकेक्षक श्री प्रभात जी ने उपरणा ओढा कर अभिनंदन किया. श्री गोविंद लाल जी मेनारिया ने बताया कि मेवाड राजवंश व बोलिया वंश के कई अप्रकाशित दस्तावेजों का अध्ययन करने से ज्ञात हुआ कि मेवाड राजवंश के बप्पा रावल से प्रारम्भ होकर महाराणा सांगा ,महाराणा उदय सिंह,महाराणा प्रताप ,महाराणा अमर सिंह एवं उसके बाद कई महाराणाओं के समय मेवाड शासन में बोलिया वंश का महत्वपूर्ण योगदान मिला. श्री रंगो जी बोलिया ने महाराणा अमर सिंह के समय मेवाड के गौरव व व्यापक जन-हित को ध्यान में रखते हुए बादशाह जहाँगीर से संधि कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. इस संधि के ऐतिहासिक तथ्यों सहित श्री मेनारिया का एक शोध पत्र राजस्थान विद्यापीठ के इन्स्टिट्युट ऑफ राजस्थान स्टडीज-साहित्य संस्थान की शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. Download G.L. Menaria
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तपस्वियों का बहुमान आज दिनांक 26.09.2021 को बोल्या-बूंलिया विकास संस्था की ओर से आयड जैन मंदिर सभागार में वर्षीतप, 11 उपवास, 9 उपवास, अठाई. अठ्ठम तप आदि तपस्या करने वाले तपस्वियों का बहुमान किया गया. संस्था द्वारा आज ‘ सामुहिक क्षमापना समारोह’ में सभी सदस्यों व परिजनों द्वारा वर्ष भर में ‘मन-वचन-काया’ से हुई त्रुटियों के लिये सबसे ‘खमत- खामणा’ किया गया. संस्था के अध्यक्ष इंजी. येवंती कुमार, उपाध्यक्ष श्री गम्भीर सिंह जी व श्री संजय तेज सिंह जी, सचिव श्री चंद्र सिंह लक्ष्मी लाल जी, कोषाध्यक्ष श्री सुरेश चंद्र जी द्वारा जानकारी प्रदान की गयी. श्री राज कुमार जी लक्ष्मी लाल जी का वर्षीतप, बीस स्थानक ओली व अठम तप , श्रीमती आशा दलपत सिंह जी का 9 उपवास, श्री चंद्र सिंह तेज सिंह जी का 3+4 उपवास तथा ‘अठम तप’ हेतु श्री लहर सिंह तेज सिंह जी, श्री दिलीप राजेंद्र जी, श्रीमती ज्योति नीरज जी, श्रीमती निर्मला मनोहर सिंह जी, श्रीमती हेमलता नरेंद्र सिंह जी व श्रीमती सुमित्रा सुरेश चंद्र जी, का बहुमान किया गया .इसमें संरक्षक श्री मोहन लाल जी, पूर्व अध्यक्ष श्री गोवर्धन सिंह जी, श्री ऋषभ कुमार जी, श्री दलपत सिंह जी तथा कार्यकारिणी सदस्यों श्री ललित बलवंत सिंह जी, श्री चंद्रशेखर जी श्रीमती निर्मला जी श्रीमती हेमलता जी व श्रीमती विमलाजी, श्रीमती मीना जी, श्रीमती राजकुमारी जी व श्रीमती सुमित्रा जी आदि ने तिलक कर माला पहना कर भेंट प्रदान की. इनके साथ ही श्री राजेंद्र कुमार जी, भीलवाडा निवासी श्रीमती दिव्या भूपेंद्र जी का 11 उपवास, श्रीमती अविसा भूपेंद्र जी का 9 उपवास व गंगापुर निवासी श्री मुदित जी का अठाई तप करने पर अनुमोदना की गयी. संस्था के संरक्षक श्री मोहन लाल जी का 13 महत्वपूर्ण पुस्तके लिखने पर अभिनंदन किया गया. आज नये सदस्य श्री निरंजन सिंह पराक्रम सिंह जी का स्वागत- अभिनंदन किया गया.
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